धीरूभाई अंबानी, भारतीय उद्योग जगत के एक महान व्यक्तित्व, जिन्होंने रिलायंस इंडस्ट्रीज की स्थापना की, उनके परिवार और व्यवसायिक सफलता की कहानियां दुनिया भर में मशहूर हैं। हालांकि, अंबानी परिवार से जुड़े एक और शख्सियत हैं, जो अक्सर चर्चाओं में रहते हैं, उन्हें धीरूभाई अंबानी का ‘तीसरा बेटा’ कहा जाता है—आनंद जैन। इस लेख में हम आनंद जैन की ज़िंदगी, उनके रिलायंस इंडस्ट्रीज में योगदान, और उनकी सफलता के सफर पर विस्तृत नज़र डालेंगे।
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
आनंद जैन और मुकेश अंबानी की दोस्ती उनके बचपन के दिनों से ही शुरू हुई थी। दोनों ने मुंबई के हिल ग्रेंज हाई स्कूल में एक साथ पढ़ाई की थी। उनकी मित्रता इतनी गहरी थी कि समय के साथ यह व्यवसायिक साझेदारी में तब्दील हो गई। इस करीबी रिश्ते की वजह से उन्हें धीरूभाई अंबानी का ‘तीसरा बेटा’ माना जाता है।
आनंद जैन का रिलायंस इंडस्ट्रीज में प्रवेश
आनंद जैन ने 1981 में मुकेश अंबानी के स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से लौटने के बाद अपने दिल्ली स्थित व्यवसाय को छोड़ दिया और रिलायंस इंडस्ट्रीज में शामिल हो गए। धीरूभाई अंबानी के नेतृत्व में उन्होंने रिलायंस ग्रुप के कई महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स में योगदान दिया। 1980 के दशक में जैन ने बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में एक बियर कार्टेल को तोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जिसका नेतृत्व मैनु मानेक कर रहे थे। इस घटना के बाद से ही उन्होंने रिलायंस इंडस्ट्रीज में एक महत्वपूर्ण स्थान बना लिया।
रिलायंस में महत्वपूर्ण योगदान
आनंद जैन ने रिलायंस इंडस्ट्रीज के विभिन्न विभागों में प्रमुख भूमिकाएँ निभाई। खासकर टेलीकॉम क्षेत्र में उनके योगदान को बहुत सराहा गया। रिलायंस इन्फोकॉम और रियल एस्टेट से जुड़े कई बड़े प्रोजेक्ट्स को उन्होंने सफलतापूर्वक आगे बढ़ाया। इतना ही नहीं, जैन ने रिलायंस ग्रुप के लिए विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZs) और एक बंदरगाह परियोजना के विकास की योजनाओं में भी अहम भूमिका निभाई। हालांकि, ये योजनाएं भूमि अधिग्रहण की समस्याओं के कारण कुछ समय के लिए रुकी हुई हैं।
व्यवसायिक साम्राज्य का विस्तार
रिलायंस के साथ अपने कार्यकाल के दौरान, आनंद जैन ने अपने निजी व्यवसाय को भी बढ़ावा दिया। वे जय कॉर्प लिमिटेड के चेयरमैन हैं, जो रियल एस्टेट, वित्त और कैपिटल मार्केट्स में कार्यरत है। उन्होंने भारत के 14 शहरों में 33 रियल एस्टेट परियोजनाओं में निवेश किया है। उनका यह निवेश उन्हें भारतीय व्यापार जगत में एक प्रमुख स्थान दिलाता है।
2007 में, आनंद जैन को फ़ोर्ब्स इंडिया के 40 सबसे अमीर लोगों की सूची में 11वां स्थान प्राप्त हुआ था। जैन का नेटवर्क और उनके व्यापारिक कौशल उन्हें भारत के सबसे प्रभावशाली व्यापारियों में से एक बनाते हैं।
पारिवारिक जीवन और Dream11
आनंद जैन के बेटे, हर्ष जैन, भारतीय फैंटेसी स्पोर्ट्स प्लेटफार्म Dream11 के सह-संस्थापक और सीईओ हैं। Dream11 भारत का सबसे प्रमुख फैंटेसी स्पोर्ट्स प्लेटफार्म है, जिसने लाखों खेल प्रेमियों को अपनी ओर आकर्षित किया है। हर्ष जैन की सफलता का श्रेय उनकी मेहनत के साथ-साथ आनंद जैन के मार्गदर्शन और समर्थन को भी दिया जाता है।
व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन का संतुलन
आनंद जैन अपने व्यवसायिक जीवन के साथ-साथ अपने व्यक्तिगत जीवन में भी सक्रिय रहते हैं। वे अपने परिवार के साथ समय बिताना पसंद करते हैं और सामाजिक कार्यों में भी रुचि रखते हैं। उनका जीवन संतुलित और सफल रहने का उदाहरण है। उनके द्वारा लिया गया कोई भी निर्णय न केवल व्यावसायिक दृष्टिकोण से बल्कि सामाजिक और व्यक्तिगत प्रभावों को भी ध्यान में रखकर लिया जाता है।
विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZs) और अन्य प्रोजेक्ट्स
आनंद जैन और मुकेश अंबानी ने मिलकर मुंबई में एक ग्रीनफील्ड SEZ परियोजना पर काम किया है। यह परियोजना भारत में एक नए आर्थिक विकास मॉडल के रूप में देखी जाती है, जिसका उद्देश्य देश में विदेशी निवेश को आकर्षित करना और रोजगार के अवसर प्रदान करना है। हालांकि, इस परियोजना को भूमि अधिग्रहण की समस्याओं के कारण कुछ समय के लिए रोक दिया गया था, फिर भी आनंद जैन और उनकी टीम इस पर लगातार काम कर रही है।
वर्तमान स्थिति और भविष्य की योजनाएं
आनंद जैन वर्तमान में रिलायंस ग्रुप में एक वरिष्ठ कार्यकारी के रूप में जुड़े हुए हैं और कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं का नेतृत्व कर रहे हैं। उन्होंने रिलायंस कैपिटल में उपाध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया है और इंडियन पेट्रो केमिकल्स लिमिटेड के बोर्ड में भी रह चुके हैं। इसके अलावा, वे अर्बन इंफ्रास्ट्रक्चर वेंचर कैपिटल लिमिटेड के चेयरमैन भी हैं, जो अर्बन इंफ्रास्ट्रक्चर वेंचर कैपिटल फंड का प्रबंधन करता है।
निष्कर्ष:
आनंद जैन का जीवन और उनका व्यवसायिक सफर न केवल प्रेरणादायक है, बल्कि यह दर्शाता है कि सफलता के लिए सही रणनीति, कड़ी मेहनत, और दूरदर्शिता की आवश्यकता होती है। धीरूभाई अंबानी के ‘तीसरे बेटे’ के रूप में उनकी पहचान और मुकेश अंबानी के साथ उनकी दोस्ती उन्हें एक विशेष स्थान प्रदान करती है। उन्होंने रिलायंस इंडस्ट्रीज को ऊंचाइयों तक पहुंचाने में अहम योगदान दिया है और साथ ही अपने निजी व्यवसाय में भी सफल रहे हैं।
उनकी सफलता की कहानी भारतीय व्यापार जगत के लिए एक प्रेरणा है, और यह दर्शाती है कि सही मार्गदर्शन और निरंतर प्रयासों से बड़े लक्ष्यों को प्राप्त किया जा सकता है।